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विश्वकर्मा महासभा ने चुनाव में तटस्थ रहने का लिया निर्णय,राजनीतिक अस्तित्व के संकट से जूझ रहा विश्वकर्मा समाज:अशोक विश्वकर्मा

विश्वकर्मा महासभा ने चुनाव में तटस्थ रहने का लिया निर्णय,राजनीतिक अस्तित्व के संकट से जूझ रहा विश्वकर्मा समाज:अशोक विश्वकर्मा


वाराणसी।ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा विश्वकर्मा समाज मौजूदा दौर में राजनीतिक अस्तित्व के गंभीर संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा सम्मानजनक भागीदारी का भरोसा देने वाले नेताओं और दलों ने भरोसे को तोड़कर धोखा दिया है। जिससे समाज में निराशाजनक आक्रोश है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा स्वार्थ परक राजनीति और निजी वर्चस्व की जंग ने समाज को कमजोर किया है। उन्होंने कहा जातीय ध्रुवीकरण वाले राजनीतिक व सामाजिक व्यवस्था में हमें दलित और अन्य पिछड़ी जातियों से सीखना चाहिए जो संगठित हैं। 

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि राजनीतिक भागीदारी और अस्तित्व को बचाने के लिए समाज में दलीय आधार पर आपसी भेदभाव और दिलों का बंटवारा बंद होना चाहिए। तथा निजी राजनीतिक लाभ के लिए नेताओं और दलों की अंधभक्ति एवं गुलामी छोड़कर हम सभी को मिलकर सामाजिक एकजुटता की दिशा में मजबूत प्रयास करने की आवश्यकता है।उन्होंने सामाजिक मान- सम्मान,स्वाभिमान,व सर्वांगीण विकास और भागीदारी के प्रति महासभा की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा समाज और संगठन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा समाज किसी संगठन नेता एवं दल का गुलाम नहीं है। समाज के अहित एवं निहित स्वार्थ के  सवाल पर किसी भी प्रकार का कोई राजनीतिक समझौता संभव नहीं है। महासभा ने इस चुनाव में तटस्थ रहने का निर्णय किया है। तथा समाज से अपील किया है कि  वह अपना उम्मीदवार चयन करने एवं मतदान के लिए निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं।

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